Sunday, October 28, 2012

Oriya Bhajan ‘अन्तर्यामी भजन’ / कवि मनोहर मेहेर


‘Antaryami Bhajan’
Oriya Song  By: Poet Manohar  Meher
= = = = = = 
अन्तर्यामी भजन
ओड़िआ गीत रचयिता : कवि मनोहर मेहेर 
---------- 
(बर्ण- आद्यानुप्रास खण्डकाव्य अहल्यास्तबरु  गृहीत
एबं  मनोहर-पद्याबळी पुस्तकरे स्थानित)
= = = = = = = = = =
अमळ कमळ-नेत्र    दुःखी-दुःखहरा,
अइश्वर्य्य़-दानी हरि   मुकति-पसरा ॥ (१)
अघ-बिनाशनकारी    गजार्त्त-नाशन,
अहल्या-उद्धारण हे   पतित-पाबन ॥ (२)
अच्युत केशब बिष्णु  राम नारायण,
अनन्त-शयन प्रभु   जानकी-रमण ॥ (३)
अति दीनहीन सुदामाङ्क दुःखभञ्जा ।
अभय-दायक  सर्ब-जीब-पड़ि-खञ्जा ॥ (४)
अभय-पञ्जर बाना  बहिछ गोसाइँ । 
अन्तर्गते सबु जाण  किस कहिबइँ ॥ (५)
अब्ज-सुत-सुत-सुत- सुत-भयुँ पारि । 
अन्तिमे बैतरणीरु   नेबटि उद्धरि ॥ (६)
अत्राहि-भञ्जन राम  हे सीता-नायक ! 
अरक्षित मनोहर   मेहेरकु रख ॥ (७)
= = = = = = =
(Extracted from the Book 
‘Manohar Padyavali’  of Poet Manohar Meher.
Compiled and Edited by Dr. Harekrishna Meher)
= = = = = 
Related Link : 
http://kavi-manohar-meher.blogspot.com/2010/04/kavi-manohar-meher.html
========

No comments:

Post a Comment