‘Antaryami
Bhajan’
Oriya Song By: Poet Manohar Meher
= = = = = =
‘अन्तर्यामी भजन’
ओड़िआ गीत रचयिता : कवि मनोहर मेहेर
----------
(‘अ’बर्ण- आद्यानुप्रास खण्डकाव्य ‘अहल्यास्तब’रु
गृहीत
एबं
‘मनोहर-पद्याबळी’ पुस्तकरे स्थानित)
= = = = = = = = = =
अमळ कमळ-नेत्र
दुःखी-दुःखहरा,
अइश्वर्य्य़-दानी हरि मुकति-पसरा ॥ (१)
अघ-बिनाशनकारी
गजार्त्त-नाशन,
अहल्या-उद्धारण हे
पतित-पाबन ॥ (२)
अच्युत केशब बिष्णु
राम नारायण,
अनन्त-शयन प्रभु
जानकी-रमण ॥ (३)
अति दीनहीन सुदामाङ्क दुःखभञ्जा ।
अभय-दायक सर्ब-जीब-पड़ि-खञ्जा
॥ (४)
अभय-पञ्जर बाना
बहिछ गोसाइँ ।
अन्तर्गते सबु जाण
किस कहिबइँ ॥ (५)
अब्ज-सुत-सुत-सुत- सुत-भयुँ पारि ।
अन्तिमे बैतरणीरु नेबटि उद्धरि ॥ (६)
अत्राहि-भञ्जन राम
हे सीता-नायक !
अरक्षित मनोहर
मेहेरकु रख ॥ (७)
= = = = =
= =
(Extracted
from the Book
‘Manohar
Padyavali’ of Poet Manohar Meher.
Compiled
and Edited by Dr. Harekrishna Meher)
= = =
= =
Related Link :
http://kavi-manohar-meher.blogspot.com/2010/04/kavi-manohar-meher.html
========
No comments:
Post a Comment