‘
Muralidhari Bhajan '
Oriya
Song By: Poet Manohar Meher
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मुरलीधारी भजन
ओड़िआ गीत रचना
: कवि मनोहर मेहेर
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बन्दइँ मुरलीधारी,
निकुञ्ज बनबिहारी ।
कदम्ब-मूळिआ काइञ्च-माळिआ
शिरे शोभा जामुडाळि ।
हे बनमाळी ॥ (१)
*
भकतङ्क चित्तहरा,
गोपाङ्गना-बस्त्रचोरा ।
मोहन मुरली बाम करे धरि
बजाअ केड़े माधुरा ।
हे गिरिधरा ॥ (२)
*
गोपे कल नाना केळि,
कंस कॆशी दुष्ट दळि ।
अशेष महिमा य़ा नाम अबर्ण्णा
शेष न पाबन्ति भाळि ।
के पारे कळि ॥ (३)
*
हे प्रभु कळाश्रीमुख,
केते जणाइबि दुःख ।
दीनबन्धु नाथ थाउँ थाउँ हरि
दिने मो न हेला सुख ।
हे पद्ममुख ॥ (४)
*
जीबर गति-कारण,
अट प्रभु नारायण ।
तुम्भ नाम धरि य़ाउ दिन सरि
कहे मनोहर दीन । हे नारायण ॥
(५)
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(Extracted
from the Book
‘Manohar
Padyavali’ of Poet Manohar Meher.
Compiled
and Edited by Dr. Harekrishna Meher)
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