Salutations to Goddess Śāradā
Śāradā -Vandanā (Oriya Song)
By Poet Manohar Meher
(Extracted from the Book ‘ MANOHAR- PADYĀVALĪ ’ published in 1985)
* * *
शारदा-वन्दना (ओड़िआ गीत)
रचयिता : कवि मनोहर मेहेर
(‘मनोहर-पद्यावली’ पुस्तकरु गृहीत)
= = = = =
बन्दइँ शारदा मागो बिष्णुङ्क बनिता,
श्वेत-पद्मासनी देबी बिधाताङ्क सुता । (१)
ओंकार-सम्भूता मागो बामा मध्ये जिता,
कबिजनमानङ्कर बरदात्री माता । (२)
सप्त स्वरे बीणा-नादे मोहु बिष्णु-मन,
गान्धार रागे आळाप करु तान मान । (३)
तोर सुप्रसादे मूर्ख हुअइ सुकबि,
झङ्कड़-बासिनी मागो श्रीशारळा देबी । (४)
भक्ति- उपहार घेन पद दिअ मात !
कहे मनोहर शिरे य़ोड़ि बेनि हात । (५)
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Known as 'Gana-Kavi' or 'Palli-Kavi' of Western Orissa in the domain of Oriya Literature.
Tuesday, February 8, 2011
सरस्वती-वन्दना (Sarasvatī -Vandanā) Manohar Meher
Salutations to Goddess Sarasvatī
Sarasvatī -Vandanā (Oriya Song)
By Poet Manohar Meher
(Taken from the Book ‘MANOHAR - PADYĀVALĪ ’ published in 1985)
* * *
सरस्वती-वन्दना (ओड़िआ गीत)
रचयिता : कवि मनोहर मेहेर
(‘मनोहर-पद्यावली’ पुस्तकरु गृहीत)
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मा शारदे !
बिराजिछु सबुरि हृदे ॥ (पद)
तो बिना आन नाहिँ
जगत मध्ये केहि
अज्ञान-नाशिनी बरदे ॥ (१)
मात बिष्णु-बल्लभी
पुराण कलु भाबि
तो तहुँ कबि भबे उदे ॥ (२)
ॐकारु तो जनम
मोहिलु नारायण
बीणा सपत स्वर नादे ॥ (३)
बयाळिश रागर
अछि य़ा अधिकार
तान मान गान आह्लादे ॥ (४)
कहइ मनोहर
कपाळे य़ोड़ि कर
मो चित्त थाउ तोर पादे ॥ (५)
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Sarasvatī -Vandanā (Oriya Song)
By Poet Manohar Meher
(Taken from the Book ‘MANOHAR - PADYĀVALĪ ’ published in 1985)
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सरस्वती-वन्दना (ओड़िआ गीत)
रचयिता : कवि मनोहर मेहेर
(‘मनोहर-पद्यावली’ पुस्तकरु गृहीत)
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मा शारदे !
बिराजिछु सबुरि हृदे ॥ (पद)
तो बिना आन नाहिँ
जगत मध्ये केहि
अज्ञान-नाशिनी बरदे ॥ (१)
मात बिष्णु-बल्लभी
पुराण कलु भाबि
तो तहुँ कबि भबे उदे ॥ (२)
ॐकारु तो जनम
मोहिलु नारायण
बीणा सपत स्वर नादे ॥ (३)
बयाळिश रागर
अछि य़ा अधिकार
तान मान गान आह्लादे ॥ (४)
कहइ मनोहर
कपाळे य़ोड़ि कर
मो चित्त थाउ तोर पादे ॥ (५)
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